रूपांशु चौधरी/हजारीबाग। सोमवार को हजारीबाग के बीएसएफ केंद्र मेरू में रानी लक्ष्मीबाई परेड ग्राउंड में दीक्षांत परेड हुआ। इस अवसर पर संविधान, राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए 480 नवीनतम आरक्षकों ने शपथ ली। शपथ लेने के बाद नव आरक्षकों को देश भर में काम करने के लिए भेजा गया. वे नक्सल विरोधी अभियान, चुनाव, सीमा सुरक्षा, अवैध ड्रग्स का कारोबार और अवध हथियारों का व्यापार करेंगे।
नव आरक्षकों ने भारत माता के जयकारे के साथ देश की एकता और अखंडता के लिए तिरंगे झंडे के नीचे शपथ ली। हमारे देश हमें सब कुछ देता है, लेकिन हम भी कुछ देना सीखना चाहिए. इसी भावना से सभी लोग 38 सप्ताह के बुनियादी प्रशिक्षण पूरा करके दीक्षांत परेड में शामिल हुए। जवानों ने कदम से कदम मिलाकर परेड में हिस्सा लेकर सबका दिल जीत लिया।
माता-पिता को भी बधाई
मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में मौजूद बीएसएफ के महानिरीक्षक डैनियल अधिकारी ने बधाई देते हुए कहा कि दीक्षांत परेड के बाद सीमा सुरक्षा बल, भारत की पहली सेना, औपचारिक तौर पर शामिल हो गया है। बल में कर्तव्य निर्वहन के लिए पहली कार्रवाई होगी। उन्होंने नव आरक्षकों के माता-पिता और परिजनों को भी बधाई दी कि वे अपने पुत्रों को सीमा सुरक्षा बल में भेजकर देश सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। देश इस योगदान को भुला नहीं सकता।
वहीं, नव प्रशिक्षित आरक्षक अमित कुमार ने कहा कि वे खुश हैं कि हम अब देश सेवा के लिए तैयार हो चुके हैं। 38 सप्ताह की कठिन तपस्या के बाद हम लोग शिक्षित हो गए हैं। यह देश की सेवा करना हर भारतीय की जिम्मेवारी होनी चाहिए। हम सीमा की रक्षा करने के लिए बहुत उत्साहित हैं।