गिरिराज सिंह ने कहा है कि सामाजिक सौहार्द सबसे बड़ी चीज है। इसे बनाए रखने के लिए प्रशासन को पूरी ताकत से काम करना चाहिए। बकरीद के मौके पर सार्वजनक स्थलों पर जानवरों की कुर्बानी नहीं होना चाहिए।
ईद-उल-अज़हा अर्थात बकरीद
सोमवार को ईद-उल-अज़हा अर्थात बकरीद का पर्व मनाया जा रहा है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायरब्रांड हिंदूवादी नेता गिरिराज सिंह का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा है कि बकरीद के मौके पर सार्वजनिक स्थानों और चौक चौराहों पर जानवर की कुर्बानी नहीं दी जाए। बकरीद को लेकर उन्होंने प्रशासन को सलाह दिया है कि विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दे ताकि सामाजिक सौहाद्र बना रहे। गिरिराज सिंह ने प्रशासन को पूर्ण रूप से एक्टिव रहने की सलाह भी दी
नरेंद्र मोदी की सरकार में केंद्रीय कपड़ा मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद गिरिराज सिंह शनिवार को बिहार पहुंचे। वे पटना से मुजफ्फरपुर आए जहां टेक्सटाइल्स पार्क का निरीक्षण किया। रविवार को वे अपने संसदीय क्षेत्र बेगूसराय पहुंचे जहां अपने समर्थकों और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात की। बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री ने पत्रकारों से बात करते हुए बड़ा बयान दिया। रविवार को उन्होंने कहा कि कल यानि सोमवार को बकरीद का पर्व है। मैं बेगुसराय सहित देश के तमाम एडमिनिस्ट्रेशन से, जिलों के एसपी-डीएम से आग्रह करूंगा कि सामाजिक सौर्हाद बनाए रखने के लिए काम करें। सार्वजनिक जगह पर बकरे का कटाई न हो। जिससे आपसी द्वेष फैले। ये काम प्रशासन को करना है। क्योंकि सामाजिक सौहार्द ही सबसे बड़ी चीज है। प्रशासन इसे बनाए रखने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दे।
गिरिराज सिंह
गिरिराज सिंह ने कहा है कि प्रशासन ऐसी व्यवस्था करे कि सार्वजनिक जगहों पर बकरे की कटाई पर पूरी तरीके से रोक लगे ताकि किसी को कोई आपत्ति हो और आपसी द्वेष नहीं फैले और लोगों के बीच आपस में प्रेम भाव का संबंध बना रहे। यह काम प्रशासन का है जिसे हर हाल में पूरा करना है।गिरिराज सिंह ने नीट परीक्षा में पेपर लीक के आरोप रिजल्ट के बाद उत्पन्न स्थिति को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस मामले को गंभीरता से देख रहे हैं। उन्होंने छात्रों और अभिभावकों के प्रतिनिधियों से बात की है। ग्रेस का लाभ मिलने वाले 1500 से ज्यादा छात्रों की फिर से परीक्षा का निर्णय उन्होंने लिया है। शिक्षा मंत्री खुद सक्षम हैं। वह इस मामले में छात्रों के हितों को देखते हुए बेहतर निर्णय लेंगे।